Wednesday, June 3, 2015

Samandar

समंदर से भी गहरी है, मेरे यार की आँखें....!!
नदियों से भी लहरी है, मेरे दिलदार की आँखे....!!
खो जाता हूँ इन नैन में, जो फूल सी सुन्दर है
मेरे प्यार की आँखे..!!
कभी उठता हूँ, कभी गिरता हूँ..!!
जाम से भी नसिली है, मेरे जाने बहार की आँखे......
जल जाता हूँ इन बहारों में, ज्वाला मुखी से भी तेज़ है,
मेरे दिलबहार की आँखे....!
डूब जाता हूँ इन नज़रों मैं, ऐसी है मेरे तलबदार की आँखे.....



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