Monday, June 1, 2015

Zamana Kharab Hai



तू छोड़ दे कोशिशें.....
इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से ...
सब बदलते नकाब हैं...!
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर.
हर शख़्स कहता है-
" ज़माना बड़ा ख़राब है।"



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