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Monday, December 14, 2015
एक ख्वाब अधुरा है मेरा…
हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है।
उन्हे कैसे समझाऊ की एक ख्वाब अधुरा है मेरा… वरना जीना तो मुझे भी आता है.
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर,
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया|
1 comment:
SANKET MANI TRIPATHI
December 15, 2015 at 12:58 PM
Amazing post yar nice
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Amazing post yar nice
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