हमारे वेदों शास्त्रों और पुराणों उपनिषदों में ऐसे अनगिनत मंत्र हैं जो किसी चमत्कारिक औषधि से कम नही है । ऐसा ही एक पावन मंत्र है यह स्मरण शक्ति बढाने का मंत्र जिसके नित प्रतिदिन अभ्यास से हमारी स्मरण शक्ति काफी अच्छी हो जाती है ।
उदाहरणस्वरूप अगर आप संस्कृत भाषा में लिखी गई कोई भी किताब या ग्रंथ कुछ देर पढ़ लेते हैं तो आपके मन मष्तिष्क में एक अजीब सी उर्जा का संचार होता है जो हमें एक अलग हे माहौल में ले जाता है। इसका कारण है वैज्ञानिक भाषा मानी जाने वाली संस्कृत भाषा में रचे गये ग्रंथो का सुसंगठित तरीके से संकलित होना।
यह मंत्र इस प्रकार है :
” ॐ नमो भगवती सरस्वती परमेश्वरी वाक्य वादिनी है विद्या देही भगवती हंसवाहिनी बुद्धि में देही प्रज्ञा देही, देही विद्या देही देही परमेश्वरी सरस्वती स्वाहा “
मंत्रोच्चारण की विधि – यह मंत्र अत्यन्त तीव्र एवं प्रभावी होता है। बसंत पंचमी के दिन या किसी भी रविवार को सरस्वती माता के चित्र के समक्ष दूध से बना प्रसाद चढ़ाकर उक्त मंत्र का विधि पूर्वक 11माला जप करें तथा खीर का भोजन करें तो यह मंत्र सिद्ध हो जाता है।
इसके पश्चात जब भी पढ़ने बैठे इस मंत्र का 7 बार जप करें तो पढ़ा हुआ स्मरण रहता है और बुद्धि तीव्र होती है।
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