Thursday, May 19, 2016

ISRO ने अपना खुद का मैप सॉफ्टवेयर 'भुवन' डिवेलप कर लिया है। जानिए गूगल मैप से कितना बेहतर है यह सॉफ्टवेयर...

उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद तरुण विजय ने हाल ही में 'देशभक्त भारतीयों' से गूगल मैप्स की जगह इसरो का डिवेलप किया हुई 'भुवन' मैप्स सॉफ्टवेयर प्रयोग करने की अपील की। हमारी मैप यूज करने की प्रॉसेस को गवर्न करने वाले 'जिओस्पेशल इन्फर्मेशन रेग्युलेशन बिल, 2016' के मसौदे पर बढ़ती बहस के बीच हम आपको बताते हैं कि किन 6 मायनों में गूगल मैप्स से अलग है भुवन।
मोबाइल ऐप: गूगल मैप से उलट मैप दिखाने के लिए भुवन का कोई मोबाइल ऐप नहीं है। यह मोबाइल ब्राउजर पर काम करता है। इसका 2डी मैप जल्दी लोड भी हो जाता है और रेजॉलूशन भी अच्छा है, वहीं 3डी मैप का रेजॉलूशन तो अच्छा है, लेकिन लोड होने में समय लेता है।

 

लोकेशन ट्रैकर: इसके लोकेशन ट्रैकर को इंप्रूव करने की जरूरत है। इस पर जब टाइम्स ग्रुप के दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के ऑफिस सर्च किए गए तो कोई 'रिजल्ट नॉट फाउंड' का मुंह देखना पड़ा। दिल्ली ऑफिस मैन्युअली लोकेट किया जा सका।
 

लोकेशंस की लेबलिंग: भुवन के जरिए आप अभी नजदीकी ग्रॉसरी स्टोर या एटीएम न लोकेट कर पाएं, लेकिन इसके मोबाइल ऐप 'BhuvanPOI' में 'मैप योर नेबरहुड' का विकल्प है, जिसके जरिए यूजर एटीएम, बैंक और रेलवे स्टेशन जैसी कैटिगरीज के तहत लोकेशंस को कैप्चर करके उन्हें लेबल कर सकते हैं।


 


ट्रैफिक अपडेट: भुवन पर आपको ट्रैफिक अपडेट या नैविगेशन की सुविधा नहीं मिलेगी, जबकि डिजिटल मैप की जरूरत अक्सर इन्हीं वजहों से पड़ती है।


 

कुछ और सुविधाएं: भुवन कुछ दूसरी महत्वपूर्ण सुविधाएं (जैसे- मैपिंग फॉर डिजास्टर सर्विसेज, ओशन सर्विसेज, क्लाइमेट ऐंड इन्वाइरनमेंट) ऑफर करता है। सरकार का कहना है कि भुवन प्राथमिक रूप से सोशल बेनेफिट्स पर फोकस करता है और यह कोई कमर्शल वेंचर नहीं है।


लोकेशन शेयरिंग: इस सॉफ्टवेयर के जरिए कोई स्पेसिफिक लोकेशन शेयर करने का विकल्प भी नहीं नजर आया।      

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