Saturday, June 13, 2015

इस भारतीय छात्र ने खोज निकाला है ऐसा ड्रोन जो दुश्मन की संचार प्रणाली मिनटों ध्वस्त कर देगा

इतिहास गवाह है कि हम भारतीयों ने सीमित संसाधनों में ऐसा काम किया है जो संसार के दूसरे विकसित मुल्कों के लिए काबिल-ए-गौर है. एक बार फिर भारत भूमि के एक होनहार “गुदड़ी के लाल’ ने कमाल कर दिया है. इस छात्र ने साबित किया कि मजबूत इच्छा शक्ति के आगे, सीमित व कम संंसाधन जैसे अवरोध आड़े नहीं आते. साथ ही यह भी साबित किया हैं कि प्रतिभावान छात्र किसी प्रतिष्ठित संस्थान के मोहताज नहीं होते. दिल में लगन हो तो छात्र गुरुकुल से दूर जंगल में मेहनत कर एकलव्य बन सकता है.
छोटे से शहर हजारीबाग (झारखंड) के रहने वाले एक छात्र ने उड़ने वाला ड्रोन (हेलिस्कारपियन) का आविष्कार किया है. यह ड्रोन अब तक के अन्य ड्रोनों से आधुनिक और उन्नत माना जाता है. यह ड्रोन भारतीय सेना के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है. जिस होनहार छात्र ने इस ड्रोन को बनाया उसका नाम सुमित रंजन है. सुमित अभी सेंट्रल स्कूल में 12वीं का छात्र है. उनके पिता राज किशोर पांडेय एमआर हैं.


ड्रोन की विशेषता
छात्र सुमित द्वारा बनाए गए इस ड्रोन के विषय में बताया जाता है कि यह घुमावदार हवा में फंसकर ध्वस्त नहीं हो सकता. अभी तक जो भी ड्रोन हमारे पास उपलब्ध है वह घुमावदार हवा में फंसकर ध्वस्त हो जाते हैं. सुमित के ड्रोन में टेल वोरटेक्स कंट्रोल प्रणाली लगाई गई है. इस प्रणाली से ड्रोन सुरक्षित रहेगा. नए ड्रोन में ईएमपी का उपयोग इस हेलिस्कारपियन में डेमोन्सट्रेशन हेतु एक मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में किया गया है. इसका आधुनिक तकनीक ताकतवर इलेक्ट्रोमैगनेटिक पल्स छोड़ना है.
दुश्मन की संचार प्रणाली मिनटों में नष्ट
छात्र एवं युवा आविष्कारक सुमित रंजन के द्वारा बनाएं इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस हेलिस्कारपियन से निकले ईएमपी दुश्मन के सीमा क्षेत्र में आने वाले किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को बर्बाद कर सकता है. इस आधुनिक ड्रोन से दुश्मन के संचार प्रणाली को मिनटों में क्षति पहुंचाई जा सकती है. इस कारण दुश्मन के वायरलेस और कंप्यूटर सिस्टम ठप हो सकते हैं. ड्रोन के हमले से दुश्मन आपस में जब संवाद स्थापित नहीं कर पाएगें और ऐसे में उन्हें आसानी से गिरफ्तार किया जा सकेगा.

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