वेश्यावृत्ति एक ऐसा पेशा है, जिसमें एक बार चले जाने के बाद वापसी की उम्मीदें ख़त्म ही हो जाती हैं. वहां से बाहर अगर कोई आ भी जाए, तो खुली और साफ़ हवा में उसका दम घुटने लगता है. आम ज़िन्दगी उनके लिए आसान नहीं रह जाती. क्योंकि वेश्यालय की दीवारों के बीच नमी और अंधेरे के सिवा कुछ भी नहीं मिलता. यही अंधेरा वहां मजबूरन या जबरन आई लड़कियों की ज़िंदगी में घर कर जाता है और फिर ज़िन्दगी के सभी मायने ख़त्म हो जाते हैं.
तस्वीरें बताती हैं कि यहां औरत की ज़िन्दगी कितनी बदतर होती है. आपका क्या कहना है?
इस वेश्यालय में इनकी ज़िन्दगी कैसी होती है, फ़ोटोग्राफ़र Sandra Hoyn की इन फोटोज़ के माध्यम से 'वाशिंगटन पोस्ट' ने दिखाने की कोशिश की.
काजोल एक कस्टमर के साथ
काजोल 6 महीने के बच्चे और अपने एक कस्टमर के साथ.
कस्टमर का इंतजार करतीं महिलाएं.
पाखी और मिम.
काजोल
कांडापारा रेड लाइट एरिया के पास जमा लोग.
अपने एक कस्टमर के साथ आस्मा. आस्मा का जन्म भी कांडापारा वेश्यालय में हुआ था.
प्रिया एक फ्रेंड के साथ.
तस्वीरें बताती हैं कि यहां औरत की ज़िन्दगी कितनी बदतर होती है. आपका क्या कहना है?
oh so sad
ReplyDeletelife sometimes too hard !
ReplyDeleteI sense a deep sadness and hopelessness in these pictures!
ReplyDeletebeautiful girls
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