अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरना दे रहीं आशा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को धरना स्थल कलेक्ट्रेट के समीप राह चलते लोगों को एक रुपए में तीन सरकारी कंडोम बेचकर विरोध जताया। इन कार्यकर्ताओं का कहना था, कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करेगी तो उन्हें इसी तरह अपने परिवार का गुजारा करने मजबूर होना पड़ेगा।
संघ की अध्यक्ष मिथलेश विश्वकर्मा ने कहा कि उनकी मांग है कि आशा कार्यकर्ताओं को कुशल श्रमिक के बराबर आठ हजार 810 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाए। जिस गांव में एक से अधिक आशा हैं उस गांव में प्रत्येक आशा के हिसाब से समिति के लिए दस हजार रुपए का फंड दिया जाए। आशाओं को कार्य के बदले प्रेरक राशि के स्थान पर मानदेय दिया जाए। कार्य के दौरान किसी की मृत्यु या दुर्घटना होने पर शासन द्वारा पांच लाख रुपए का बीमा कराया जाए ताकि राशि परिवार को आर्थिक सहयोग दे सके।
राष्ट्रीय कार्यक्रम जैसे पल्स पोलियो, फायलेरिया, कुष्ठ निवारण जैसे कार्यक्रमों में सहयोग देने पर दो सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अलग से दिया जाए। सरकार उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रही है, इसलिए वे लगातार हड़ताल पर हैं। सरकार द्वारा उन्हें कंडोम के पैकेट दिए जाते हैं और कहा गया है कि तीन कंडोम का एक पैकेट एक रुपए में बेचें, इसलिए हम अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए अब कंडोम बेचने मजबूर हैं।
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