Saturday, May 28, 2016

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22 वर्षीय बहादुर लड़की अपनी पढ़ाई छोड़ ISIS आतंकियों से सीधा मुकाबला कर रही है


पॉलिटिक्‍स की एक छात्रा दुनिया में बर्बरता का पर्याय बन चुके आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट के आतंकियों से सीधे लोहा लेने सीरिया गई। उसका कहना है कि आतंकियों का खात्‍मा करना बहुत आसान है।
डेनमार्क की इस लड़की ने यह भी बताया कि वहां बच्‍चे-बच्‍िचयों का यौन उत्‍पीड़न हो रहा है। जोन्‍ना पालानी नाम की इस 22 वर्षीय बहादुर लड़की ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। अब वह हत्‍यारे आतंकियों से सीधा मुकाबला कर रही है।

 बंदूक चलाने में माहिर जोन्‍ना पिछले एक साल से आईएस के आतंकियों से संघर्ष कर रही है। इसके अलावा वह अन्‍य लड़कियों को भी लड़ना सिखा रही है। फिलहाल वह अपने घर वापस लौट आई है, जहां उसने युद्ध के बर्बर और भयावाह घटनाओं के अपने अनुभव को साझा किया।



उसने आईएस और सीरिया के राष्‍ट्रपति असद की सेना के अंतर को भी बताया। उसने हंसते हुए कहा कि आईएस के आतंकियों को मारना बहुत आसान है। वह अपनी जान देने में आगे रहते हैं। मगर, असद के सैनिक अच्‍छी तरह प्रशिक्षित हैं और वे दुश्‍मनों को खत्‍म करने में महारथी हैं।

वह नवंबर 2014 में कॉलेज को छोड़कर सीरियाई लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने गई थी। सीरिया जाने से पहले वह इराक गई और इसके बाद वह छह महीने के लिए पीपल्‍स प्रोटेक्‍शन यूनिट से जुड़ गई।


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