वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुस्लिम देशों की भूमिका महत्तवपूर्ण है. दुनिया की कई बड़ी जरूरतों को पूरा करने वाले ये देश कारोबार के क्षेत्र में भी विशिष्ट स्थान रखते हैं. इनमें से अधिकांश अमीर देशों की श्रेणी में आते हैं. कुवैत, दुबई और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ मुस्लिम देशों को पर्यटन के मामले में भी काफी अहमियत मिल रही है.
रियल एस्टेट सेक्टर में भी दुबई जैसे मुस्लिम देशों ने बुलंदियों को छुआ है. विश्व में सर्वाधिक तेल के कुएँ इन देशों में ही हैं. वस्तुत: इन देशों के पास बेशुमार दौलत है. वर्ष 2014 की रिपोर्ट में वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर इनकी गिनती अमीर देशों में की है. आइये जानते हैं कि दुनिया के मुस्लिम देशों में से कौन-सा देश है सबसे धनी...
कतर:
दुनिया के मुस्लिम देशों में पहला स्थान कतर का आता है. वर्ष 2013-14 के आंकड़ों के अनुसार, मुस्लिम देशों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में कतर पहले स्थान पर था. उस समय कतरवासियों की प्रति व्यक्ति आय 88,919 डॉलर (करीब 55 लाख 12 हजार 768 रुपये) सालाना थी. गैस क्षेत्र इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी और आय का मुख्य साधन है.
ब्रुनेई
विश्व भर में ब्रुनेई के सुल्तान की दौलत और उनकी विलासिता बेहद चर्चित है. तेल और प्राकृतिक गैस इस देश की आय का प्रमुख साधन है. यहां सालाना प्रति व्यक्ति आय 50,506 डॉलर(31 लाख 31 हजार 372 रुपए) है. पिछले कुछ वर्षों से ब्रुनेई सरकार तेल और गैस एकल आर्थिक ढांचे पर अधिक निर्भरता को बदलने की कोशिश कर रही है.
रियल एस्टेट सेक्टर में भी दुबई जैसे मुस्लिम देशों ने बुलंदियों को छुआ है. विश्व में सर्वाधिक तेल के कुएँ इन देशों में ही हैं. वस्तुत: इन देशों के पास बेशुमार दौलत है. वर्ष 2014 की रिपोर्ट में वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक ने प्रति व्यक्ति आय के आधार पर इनकी गिनती अमीर देशों में की है. आइये जानते हैं कि दुनिया के मुस्लिम देशों में से कौन-सा देश है सबसे धनी...
कतर:
दुनिया के मुस्लिम देशों में पहला स्थान कतर का आता है. वर्ष 2013-14 के आंकड़ों के अनुसार, मुस्लिम देशों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में कतर पहले स्थान पर था. उस समय कतरवासियों की प्रति व्यक्ति आय 88,919 डॉलर (करीब 55 लाख 12 हजार 768 रुपये) सालाना थी. गैस क्षेत्र इस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी और आय का मुख्य साधन है.
कुवैत:
अमीर मुस्लिम देशों की सूची में कुवैत का स्थान दूसरा है. दुनिया में सबसे ज्यादा तेल का भंडार कुवैत में है. इसी कारण से मुस्लिम देशों और उनकी अर्थव्यवस्था में इस देश को विशेष दबदबा है. यहां की प्रति व्यक्ति आय 54,654 डॉलर(33 लाख 88 हजार 548 रुपये) सालाना है.
अमीर मुस्लिम देशों की सूची में कुवैत का स्थान दूसरा है. दुनिया में सबसे ज्यादा तेल का भंडार कुवैत में है. इसी कारण से मुस्लिम देशों और उनकी अर्थव्यवस्था में इस देश को विशेष दबदबा है. यहां की प्रति व्यक्ति आय 54,654 डॉलर(33 लाख 88 हजार 548 रुपये) सालाना है.
ब्रुनेई
विश्व भर में ब्रुनेई के सुल्तान की दौलत और उनकी विलासिता बेहद चर्चित है. तेल और प्राकृतिक गैस इस देश की आय का प्रमुख साधन है. यहां सालाना प्रति व्यक्ति आय 50,506 डॉलर(31 लाख 31 हजार 372 रुपए) है. पिछले कुछ वर्षों से ब्रुनेई सरकार तेल और गैस एकल आर्थिक ढांचे पर अधिक निर्भरता को बदलने की कोशिश कर रही है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
काफी बड़े पैमाने पर दुनिया में प्राकृतिक गैस और तेल का निर्यात करने वाला ये देश सबसे महंगे मुस्लिम देशों की सूची में भी शामिल है. दुनिया के सबसे अमीर मुस्लिम देशों में इसका स्थान चौंथा है. यहां की सालाना प्रति व्यक्ति आय 48,222 डॉलर(29 लाख 89 हजार 764 रुपए) है.
काफी बड़े पैमाने पर दुनिया में प्राकृतिक गैस और तेल का निर्यात करने वाला ये देश सबसे महंगे मुस्लिम देशों की सूची में भी शामिल है. दुनिया के सबसे अमीर मुस्लिम देशों में इसका स्थान चौंथा है. यहां की सालाना प्रति व्यक्ति आय 48,222 डॉलर(29 लाख 89 हजार 764 रुपए) है.
अमीर मुस्लिम देशों की राजधानी में ओमान की राजधानी मस्कट भी शामिल है. मस्कट की चकाचौंध, बेहतर आधारभूत संरचनायें और विकास की विश्व भर में एक अलग ही पहचान है. तेल और गैस का निर्यात यहां की आय का मुख्य स्रोत है. 2013 में ओमान की प्रति व्यक्ति आय 28,880 डॉलर (17 लाख 90 हजार 560 रुपए) सालाना थी.
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