Thursday, June 18, 2015

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ये इश्क़ की अगन

ये इश्क़ की अगन लगे तो मोरा तन मन ही जल जाये,
जो तेरी लगन लगे तो मेरी सुधबुध ही खो जाये,
वो देश गया था पराए जो मुझको दिल से भुलाये,
फिर यादों ने जब जकडा वो दिल से मुझको बुलाये,
ये इश्क़ की अगन लगे तो मोरा तन मन ही जल जाये,
सांझ लगी कांटों सी, हवा भी दर्द को लाये,
जब बातें करती हैं रातें, सपनों में तू ही आये,
आँखों में आंसु रहते हैं जब नज़रों में तू छाये,
ये इश्क़ की अगन लगे तो मोरा तन मन ही जल जाये,
इस दिल का कतरा कतरा कहता तेरा पयार है मुझको पाना,
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