महोब्बत मेरी ए दोस्तों उसके नाम का जाप करती हे.....
मेरी दुआए खुद खुदा से ज्यादा उसे याद करती हे...
इस कदर मेरी रग रग में समां गयी हे वो दिलनशी.....
की आँखे मेरी हर एक कतार पर उसको तलाश करती हे.....
दुआओ में कहता हूँ गर मेरी साँसे रुक गयी तो ए रब.....
वो क्या करेगी..??
वो रब भी कहता हे फिर दुआओ में, में तुझे भला मौत कैसे दूँ .....
वो तेरी जान भी तेरी ज़िन्दगी की दुआ में दिन से रात करती है...
0 comments:
Post a Comment